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Vibhanga Chapter 10[]
१०. बोज्झङ्गविभङ्गो
१. सुत्तन्तभाजनीयं
४६६. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो, वीरियसम्बोज्झङ्गो, पीतिसम्बोज्झङ्गो, पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो, समाधिसम्बोज्झङ्गो, उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४६७. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु सतिमा होति परमेन सतिनेपक्केन समन्नागतो, चिरकतम्पि चिरभासितम्पि सरिता होति अनुस्सरिता – अयं वुच्चति ‘‘सतिसम्बोज्झङ्गो’’।
सो तथा सतो विहरन्तो तं धम्मं पञ्ञाय पविचिनति पविचरति परिवीमंसमापज्जति – अयं वुच्चति ‘‘धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो’’।
तस्स तं धम्मं पञ्ञाय पविचिनतो पविचरतो परिवीमंसमापज्जतो आरद्धं होति वीरियं असल्लीनं – अयं वुच्चति ‘‘वीरियसम्बोज्झङ्गो’’।
आरद्धवीरियस्स उप्पज्जति पीति निरामिसा – अयं वुच्चति ‘‘पीतिसम्बोज्झङ्गो’’।
पीतिमनस्स कायोपि पस्सम्भति, चित्तम्पि पस्सम्भति – अयं वुच्चति ‘‘पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो’’।
पस्सद्धकायस्स सुखिनो चित्तं समाधियति – अयं वुच्चति ‘‘समाधिसम्बोज्झङ्गो’’ ।
सो तथा समाहितं चित्तं साधुकं अज्झुपेक्खिता होति – अयं वुच्चति ‘‘उपेक्खासम्बोज्झङ्गो’’।
४६८. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो, वीरियसम्बोज्झङ्गो, पीतिसम्बोज्झङ्गो, पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो, समाधिसम्बोज्झङ्गो, उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४६९. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? अत्थि अज्झत्तं धम्मेसु सति, अत्थि बहिद्धा धम्मेसु सति। यदपि अज्झत्तं धम्मेसु सति तदपि सतिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि बहिद्धा धम्मेसु सति तदपि सतिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
तत्थ कतमो धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो? अत्थि अज्झत्तं धम्मेसु पविचयो, अत्थि बहिद्धा धम्मेसु पविचयो। यदपि अज्झत्तं धम्मेसु पविचयो तदपि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि बहिद्धा धम्मेसु पविचयो तदपि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
तत्थ कतमो वीरियसम्बोज्झङ्गो? अत्थि कायिकं वीरियं, अत्थि चेतसिकं वीरियं। यदपि कायिकं वीरियं तदपि वीरियसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि चेतसिकं वीरियं तदपि वीरियसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति ।
तत्थ कतमो पीतिसम्बोज्झङ्गो? अत्थि सवितक्कसविचारा पीति, अत्थि अवितक्कअविचारा पीति। यदपि सवितक्कसविचारा पीति तदपि पीतिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि अवितक्कअविचारा पीति तदपि पीतिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
तत्थ कतमो पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो? अत्थि कायपस्सद्धि [कायप्पस्सद्धि (स्या॰ क॰)], अत्थि चित्तपस्सद्धि [चित्तप्पस्सद्धि (स्या॰ क॰)]। यदपि कायपस्सद्धि तदपि पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि चित्तपस्सद्धि तदपि पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
तत्थ कतमो समाधिसम्बोज्झङ्गो? अत्थि सवितक्को सविचारो समाधि, अत्थि अवितक्को अविचारो समाधि। यदपि सवितक्को सविचारो समाधि तदपि समाधिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि अवितक्को अविचारो समाधि तदपि समाधिसम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
तत्थ कतमो उपेक्खासम्बोज्झङ्गो? अत्थि अज्झत्तं धम्मेसु उपेक्खा, अत्थि बहिद्धा धम्मेसु उपेक्खा। यदपि अज्झत्तं धम्मेसु उपेक्खा तदपि उपेक्खासम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति। यदपि बहिद्धा धम्मेसु उपेक्खा तदपि उपेक्खासम्बोज्झङ्गो अभिञ्ञाय सम्बोधाय निब्बानाय संवत्तति।
४७०. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो, वीरियसम्बोज्झङ्गो, पीतिसम्बोज्झङ्गो, पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो, समाधिसम्बोज्झङ्गो, उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७१. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु सतिसम्बोज्झङ्गं भावेति विवेकनिस्सितं विरागनिस्सितं निरोधनिस्सितं वोस्सग्गपरिणामिं, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गं भावेति…पे॰… वीरियसम्बोज्झङ्गं भावेति… पीतिसम्बोज्झङ्गं भावेति… पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गं भावेति… समाधिसम्बोज्झङ्गं भावेति… उपेक्खासम्बोज्झङ्गं भावेति विवेकनिस्सितं विरागनिस्सितं निरोधनिस्सितं वोस्सग्गपरिणामिं।
सुत्तन्तभाजनीयं।
२. अभिधम्मभाजनीयं
४७२. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो, वीरियसम्बोज्झङ्गो, पीतिसम्बोज्झङ्गो, पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो, समाधिसम्बोज्झङ्गो, उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७३. तत्थ कतमे सत्त बोज्झङ्गा? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, तस्मिं समये सत्त बोज्झङ्गा होन्ति – सतिसम्बोज्झङ्गो…पे॰… उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७४. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? या सति अनुस्सति…पे॰… सम्मासति सतिसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘सतिसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो? या पञ्ञा पजानना…पे॰… अमोहो धम्मविचयो सम्मादिट्ठि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो वीरियसम्बोज्झङ्गो? यो चेतसिको वीरियारम्भो…पे॰… सम्मावायामो वीरियसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘वीरियसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो पीतिसम्बोज्झङ्गो? या पीति पामोज्जं आमोदना पमोदना हासो पहासो वित्ति ओदग्यं [ओदग्गं (सी॰) ध॰ स॰ ९] अत्तमनता चित्तस्स पीतिसम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘पीतिसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो? या वेदनाक्खन्धस्स सञ्ञाक्खन्धस्स सङ्खारक्खन्धस्स विञ्ञाणक्खन्धस्स पस्सद्धि पटिप्पस्सद्धि पस्सम्भना पटिप्पस्सम्भना पटिप्पस्सम्भितत्तं पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो समाधिसम्बोज्झङ्गो? या चित्तस्स ठिति…पे॰… सम्मासमाधि समाधिसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘समाधिसम्बोज्झङ्गो’’।
तत्थ कतमो उपेक्खासम्बोज्झङ्गो? या उपेक्खा उपेक्खना अज्झुपेक्खना मज्झत्तता चित्तस्स उपेक्खासम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘उपेक्खासम्बोज्झङ्गो’’। इमे वुच्चन्ति सत्त बोज्झङ्गा। अवसेसा धम्मा सत्तहि बोज्झङ्गेहि सम्पयुत्ता।
४७५. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो…पे॰… उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७६. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, या तस्मिं समये सति अनुस्सति सम्मासति सतिसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘सतिसम्बोज्झङ्गो’’। अवसेसा धम्मा सतिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा धम्मविचयसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा वीरियसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा पीतिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा समाधिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता।
तत्थ कतमो उपेक्खासम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, या तस्मिं समये उपेक्खा उपेक्खना अज्झुपेक्खना मज्झत्तता चित्तस्स उपेक्खासम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘उपेक्खासम्बोज्झङ्गो’’। अवसेसा धम्मा उपेक्खासम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता।
४७७. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो…पे॰… उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७८. तत्थ कतमे सत्त बोज्झङ्गा? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि …पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, यो तस्मिं समये फस्सो होति…पे॰… अविक्खेपो होति – इमे धम्मा कुसला। तस्सेव लोकुत्तरस्स कुसलस्स झानस्स कतत्ता भावितत्ता विपाकं विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं सुञ्ञतं, तस्मिं समये सत्त बोज्झङ्गा होन्ति – सतिसम्बोज्झङ्गो…पे॰… उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४७९. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? या सति अनुस्सति…पे॰… सम्मासति सतिसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘सतिसम्बोज्झङ्गो’’…पे॰…।
तत्थ कतमो उपेक्खासम्बोज्झङ्गो? या उपेक्खा उपेक्खना अज्झुपेक्खना मज्झत्तता चित्तस्स उपेक्खासम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘उपेक्खासम्बोज्झङ्गो’’। इमे वुच्चन्ति ‘‘सत्त बोज्झङ्गा’’। अवसेसा धम्मा सत्तहि बोज्झङ्गेहि सम्पयुत्ता।
४८०. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो…पे॰… उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४८१. तत्थ कतमो सतिसम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, तस्मिं समये फस्सो होति…पे॰… अविक्खेपो होति। इमे धम्मा कुसला। तस्सेव लोकुत्तरस्स कुसलस्स झानस्स कतत्ता भावितत्ता विपाकं विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, या तस्मिं समये सति अनुस्सति सम्मासति सतिसम्बोज्झङ्गो मग्गङ्गं मग्गपरियापन्नं – अयं वुच्चति ‘‘सतिसम्बोज्झङ्गो’’। अवसेसा धम्मा सतिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा धम्मविचयसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता …पे॰… अवसेसा धम्मा वीरियसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा पीतिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता…पे॰… अवसेसा धम्मा समाधिसम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता।
तत्थ कतमो उपेक्खासम्बोज्झङ्गो? इध भिक्खु यस्मिं समये लोकुत्तरं झानं भावेति निय्यानिकं अपचयगामिं दिट्ठिगतानं पहानाय पठमाय भूमिया पत्तिया विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं, तस्मिं समये फस्सो होति…पे॰… अविक्खेपो होति। इमे धम्मा कुसला। तस्सेव लोकुत्तरस्स कुसलस्स झानस्स कतत्ता भावितत्ता विपाकं विविच्चेव कामेहि…पे॰… पठमं झानं उपसम्पज्ज विहरति दुक्खपटिपदं दन्धाभिञ्ञं सुञ्ञतं, या तस्मिं समये उपेक्खा उपेक्खना अज्झुपेक्खना मज्झत्तता चित्तस्स उपेक्खासम्बोज्झङ्गो – अयं वुच्चति ‘‘उपेक्खासम्बोज्झङ्गो’’ । अवसेसा धम्मा उपेक्खासम्बोज्झङ्गसम्पयुत्ता।
अभिधम्मभाजनीयं।
३. पञ्हापुच्छकं
४८२. सत्त बोज्झङ्गा – सतिसम्बोज्झङ्गो, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो, वीरियसम्बोज्झङ्गो, पीतिसम्बोज्झङ्गो, पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो, समाधिसम्बोज्झङ्गो, उपेक्खासम्बोज्झङ्गो।
४८३. सत्तन्नं बोज्झङ्गानं कति कुसला, कति अकुसला, कति अब्याकता…पे॰… कति सरणा, कति अरणा?
१. तिकं
४८४. सिया कुसला, सिया अब्याकता। पीतिसम्बोज्झङ्गो सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो; छ बोज्झङ्गा सिया सुखाय वेदनाय सम्पयुत्ता, सिया अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्ता। सिया विपाका, सिया विपाकधम्मधम्मा। अनुपादिन्नअनुपादानिया। असंकिलिट्ठअसंकिलेसिका। सिया सवितक्कसविचारा, सिया अवितक्कविचारमत्ता, सिया अवितक्कअविचारा। पीतिसम्बोज्झङ्गो न पीतिसहगतो, सुखसहगतो, न उपेक्खासहगतो; छ बोज्झङ्गा सिया पीतिसहगता, सिया सुखसहगता, सिया उपेक्खासहगता। नेव दस्सनेन न भावनाय पहातब्बा। नेव दस्सनेन न भावनाय पहातब्बहेतुका। सिया अपचयगामिनो, सिया नेवाचयगामिनापचयगामिनो। सिया सेक्खा, सिया असेक्खा। अप्पमाणा। अप्पमाणारम्मणा। पणीता। सिया सम्मत्तनियता , सिया अनियता। न मग्गारम्मणा, सिया मग्गहेतुका, सिया मग्गाधिपतिनो; सिया न वत्तब्बा मग्गहेतुकातिपि, मग्गाधिपतिनोतिपि। सिया उप्पन्ना, सिया अनुप्पन्ना, सिया उप्पादिनो। सिया अतीता, सिया अनागता, सिया पच्चुप्पन्ना। न वत्तब्बा अतीतारम्मणातिपि, अनागतारम्मणातिपि, पच्चुप्पन्नारम्मणातिपि। सिया अज्झत्ता, सिया बहिद्धा, सिया अज्झत्तबहिद्धा। बहिद्धारम्मणा। अनिदस्सनअप्पटिघा।
२. दुकं
४८५. धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो हेतु, छ बोज्झङ्गा हेतुसम्पयुत्ता। धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो हेतु चेव सहेतुको च, छ बोज्झङ्गा न वत्तब्बा हेतू चेव सहेतुका चाति, सहेतुका चेव न च हेतू। धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो हेतु चेव हेतुसम्पयुत्तो च, छ बोज्झङ्गा न वत्तब्बा हेतू चेव हेतुसम्पयुत्ता चाति, हेतुसम्पयुत्ता चेव न च हेतू। छ बोज्झङ्गा न हेतू सहेतुका, धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो न वत्तब्बो न हेतुसहेतुकोतिपि, न हेतुअहेतुकोतिपि। सप्पच्चया। सङ्खता। अनिदस्सना। अप्पटिघा। अरूपा। लोकुत्तरा। केनचि विञ्ञेय्या, केनचि न विञ्ञेय्या। नो आसवा। अनासवा आसवविप्पयुत्ता। न वत्तब्बा आसवा चेव सासवा चातिपि, सासवा चेव नो च आसवातिपि। आसवा चेव आसवसम्पयुत्ता चातिपि, आसवसम्पयुत्ता चेव नो च आसवातिपि। आसवविप्पयुत्ता। अनासवा। नो संयोजना…पे॰… नो गन्था…पे॰… नो ओघा…पे॰… नो योगा…पे॰… नो नीवरणा…पे॰… नो परामासा…पे॰… सारम्मणा। नो चित्ता। चेतसिका। चित्तसम्पयुत्ता। चित्तसंसट्ठा । चित्तसमुट्ठाना। चित्तसहभुनो। चित्तानुपरिवत्तिनो। चित्तसंसट्ठसमुट्ठाना। चित्तसंसट्ठसमुट्ठानसहभुनो। चित्तसंसट्ठसमुट्ठानानुपरिवत्तिनो। बाहिरा। नो उपादा। अनुपादिन्ना। नो उपादाना…पे॰… नो किलेसा…पे॰… न दस्सनेन पहातब्बा। न भावनाय पहातब्बा। न दस्सनेन पहातब्बहेतुका। न भावनाय पहातब्बहेतुका। सिया सवितक्का, सिया अवितक्का। सिया सविचारा, सिया अविचारा।
पीतिसम्बोज्झङ्गो अप्पीतिको, छ बोज्झङ्गा सिया सप्पीतिका, सिया अप्पीतिका। पीतिसम्बोज्झङ्गो न पीतिसहगतो, छ बोज्झङ्गा सिया पीतिसहगता, सिया न पीतिसहगता। पीतिसम्बोज्झङ्गो सुखसहगतो, छ बोज्झङ्गा सिया सुखसहगता, सिया न सुखसहगता। पीतिसम्बोज्झङ्गो न उपेक्खासहगतो, छ बोज्झङ्गा सिया उपेक्खासहगता, सिया न उपेक्खासहगता। न कामावचरा। न रूपावचरा। न अरूपावचरा। अपरियापन्ना। सिया निय्यानिका, सिया अनिय्यानिका। सिया नियता, सिया अनियता। अनुत्तरा। अरणाति।
पञ्हापुच्छकं।
बोज्झङ्गविभङ्गो निट्ठितो।