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Tipitaka >> Abhidhamma Pitaka >> Kathavatthu >> Pali-Devanagri version-Chapter 9


Kathavatthu Chapter 9[]



९. नवमवग्गो

(८४) १. आनिसंसदस्सावीकथा

५४७. आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहानन्ति? आमन्ता। ननु सङ्खारे अनिच्‍चतो मनसिकरोतो संयोजना पहीयन्तीति? आमन्ता। हञ्‍चि सङ्खारे अनिच्‍चतो मनसिकरोतो संयोजना पहीयन्ति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहान’’न्ति।

ननु सङ्खारे दुक्खतो…पे॰… रोगतो… गण्डतो… सल्‍लतो… अघतो… आबाधतो… परतो… पलोकतो… ईतितो… उपद्दवतो… भयतो… उपसग्गतो… चलतो… पभङ्गुतो… अद्धुवतो… अताणतो… अलेणतो… असरणतो… असरणीभूततो… रित्ततो… तुच्छतो… सुञ्‍ञतो… अनत्ततो… आदीनवतो…पे॰… विपरिणामधम्मतो मनसिकरोतो संयोजना पहीयन्तीति? आमन्ता। हञ्‍चि सङ्खारे विपरिणामधम्मतो मनसिकरोतो संयोजना पहीयन्ति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहान’’न्ति।

सङ्खारे च अनिच्‍चतो मनसि करोति निब्बाने च आनिसंसदस्सावी होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारे च अनिच्‍चतो मनसि करोति निब्बाने च आनिसंसदस्सावी होतीति? आमन्ता। द्विन्‍नं फस्सानं…पे॰… द्विन्‍नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारे च दुक्खतो…पे॰… विपरिणामधम्मतो मनसि करोति निब्बाने च आनिसंसदस्सावी होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारे च विपरिणामधम्मतो मनसि करोति निब्बाने च आनिसंसदस्सावी होतीति? आमन्ता । द्विन्‍नं फस्सानं…पे॰… द्विन्‍नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५४८. न वत्तब्बं – ‘‘आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहान’’न्ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, भिक्खु निब्बाने सुखानुपस्सी विहरति सुखसञ्‍ञी सुखपटिसंवेदी, सततं समितं अब्बोकिण्णं चेतसा अधिमुच्‍चमानो पञ्‍ञाय परियोगाहमानो’’ति [अ॰ नि॰ ७.१९]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहानन्ति।

आनिसंसदस्सावीकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(८५) २. अमतारम्मणकथा

५४९. अमतारम्मणं संयोजनन्ति? आमन्ता। अमतं संयोजनियं गन्थनियं ओघनियं योगनियं नीवरणियं परामट्ठं उपादानियं संकिलेसियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अमतं असंयोजनियं अगन्थनियं…पे॰… असंकिलेसियन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अमतं असंयोजनियं…पे॰… असंकिलेसियं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अमतारम्मणं संयोजन’’न्ति।

अमतं आरब्भ रागो उप्पज्‍जतीति? आमन्ता। अमतं रागट्ठानियं रजनियं कमनियं मदनियं बन्धनियं मुच्छनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अमतं न रागट्ठानियं न रजनियं न कमनियं न मदनियं न बन्धनियं न मुच्छनियन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अमतं न रागट्ठानियं न रजनियं न कमनियं न मदनियं न बन्धनियं न मुच्छनियं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अमतं आरब्भ रागो उप्पज्‍जती’’ति।

अमतं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जतीति? आमन्ता। अमतं दोसट्ठानियं कोपट्ठानियं पटिघट्ठानियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अमतं न दोसट्ठानियं न कोपट्ठानियं न पटिघट्ठानियन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अमतं न दोसट्ठानियं न कोपट्ठानियं न पटिघट्ठानियं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अमतं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जती’’ति।

अमतं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जतीति? आमन्ता। अमतं मोहट्ठानियं अञ्‍ञाणकरणं अचक्खुकरणं पञ्‍ञानिरोधियं विघातपक्खियं अनिब्बानसंवत्तनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अमतं न मोहट्ठानियं न अञ्‍ञाणकरणं न अचक्खुकरणं पञ्‍ञाबुद्धियं अविघातपक्खियं निब्बानसंवत्तनियन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अमतं न मोहट्ठानियं न अञ्‍ञाणकरणं…पे॰… निब्बानसंवत्तनियं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अमतं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जती’’ति।

५५०. रूपं आरब्भ संयोजना उप्पज्‍जन्ति, रूपं संयोजनियं गन्थनियं…पे॰… संकिलेसियन्ति? आमन्ता । अमतं आरब्भ संयोजना उप्पज्‍जन्ति, अमतं संयोजनियं…पे॰… संकिलेसियन्ति ? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं आरब्भ रागो उप्पज्‍जति, रूपं रागट्ठानियं रजनियं कमनियं मदनियं बन्धनियं मुच्छनियन्ति? आमन्ता। अमतं आरब्भ रागो उप्पज्‍जति, अमतं रागट्ठानियं…पे॰… मुच्छनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जति, रूपं दोसट्ठानियं कोपट्ठानियं पटिघट्ठानियन्ति? आमन्ता। अमतं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जति, अमतं दोसट्ठानियं कोपट्ठानियं पटिघट्ठानियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जति, रूपं मोहट्ठानियं अञ्‍ञाणकरणं…पे॰… अनिब्बानसंवत्तनियन्ति? आमन्ता। अमतं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जति, अमतं मोहट्ठानियं अञ्‍ञाणकरणं…पे॰… अनिब्बानसंवत्तनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अमतं आरब्भ संयोजना उप्पज्‍जन्ति, अमतं असंयोजनियं अगन्थनियं अनोघनियं अयोगनियं अनीवरणियं अपरामट्ठं अनुपादानियं असंकिलेसियन्ति? आमन्ता। रूपं आरब्भ संयोजना उप्पज्‍जन्ति, रूपं असंयोजनियं अगन्थनियं…पे॰… असंकिलेसियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अमतं आरब्भ रागो उप्पज्‍जति, अमतं न रागट्ठानियं न रजनियं न कमनियं न मदनियं न बन्धनियं न मुच्छनियन्ति? आमन्ता । रूपं आरब्भ रागो उप्पज्‍जति, रूपं न रागट्ठानियं…पे॰… न मुच्छनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अमतं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जति, अमतं न दोसट्ठानियं न कोपट्ठानियं न पटिघट्ठानियन्ति? आमन्ता। रूपं आरब्भ दोसो उप्पज्‍जति, रूपं न दोसट्ठानियं न कोपट्ठानियं न पटिघट्ठानियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अमतं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जति, अमतं न मोहट्ठानियं न अञ्‍ञाणकरणं…पे॰… निब्बानसंवत्तनियन्ति? आमन्ता। रूपं आरब्भ मोहो उप्पज्‍जति, रूपं न मोहट्ठानियं न अञ्‍ञाणकरणं…पे॰… निब्बानसंवत्तनियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५५१. न वत्तब्बं – ‘‘अमतारम्मणं संयोजन’’न्ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘निब्बानं निब्बानतो सञ्‍जानाति, निब्बानं निब्बानतो सञ्‍जानित्वा निब्बानं मञ्‍ञति, निब्बानस्मिं मञ्‍ञति, निब्बानतो मञ्‍ञति, निब्बानं मेति मञ्‍ञति, निब्बानं अभिनन्दती’’ति [म॰ नि॰ १.६]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि अमतारम्मणं संयोजनन्ति।

अमतारम्मणकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(८६) ३. रूपं सारम्मणन्तिकथा

५५२. रूपं सारम्मणन्ति? आमन्ता। अत्थि तस्स आवट्टना आभोगो समन्‍नाहारो मनसिकारो चेतना पत्थना पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्‍चि नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं सारम्मण’’न्ति।

फस्सो सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? आमन्ता । रूपं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

वेदना…पे॰… सञ्‍ञा चेतना चित्तं सद्धा वीरियं सति समाधि पञ्‍ञा रागो दोसो मोहो मानो दिट्ठि विचिकिच्छा थिनं उद्धच्‍चं अहिरिकं…पे॰… अनोत्तप्पं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं सारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। फस्सो सारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं सारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। वेदना…पे॰… अनोत्तप्पं सारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना आभोगो…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५५३. न वत्तब्बं – ‘‘रूपं सारम्मण’’न्ति? आमन्ता। ननु रूपं सप्पच्‍चयन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि रूपं सप्पच्‍चयं, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं सारम्मण’’न्ति।

रूपं सारम्मणन्तिकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(८७) ४. अनुसया अनारम्मणकथा

५५४. अनुसया अनारम्मणाति? आमन्ता। रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो अनारम्मणोति? आमन्ता। कामरागो कामरागपरियुट्ठानं कामरागसंयोजनं कामोघो कामयोगो कामच्छन्दनीवरणं अनारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो कामरागपरियुट्ठानं कामरागसंयोजनं कामोघो कामयोगो कामच्छन्दनीवरणं सारम्मणन्ति? आमन्ता। कामरागानुसयो सारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो अनारम्मणोति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नोति ? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नोति। सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो अनारम्मणोति? आमन्ता। कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो सारम्मणोति? आमन्ता। कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो सारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो अनारम्मणो, कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो सारम्मणोति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५५५. पटिघानुसयो मानानुसयो दिट्ठानुसयो विचिकिच्छानुसयो भवरागानुसयो अविज्‍जानुसयो अनारम्मणोति? आमन्ता। अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जानुसयो अविज्‍जापरियुट्ठानं अविज्‍जासंयोजनं अविज्‍जानीवरणं अनारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अविज्‍जा अविज्‍जोघो…पे॰… अविज्‍जानीवरणं सारम्मणन्ति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो सारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो अनारम्मणोति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नोति? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नोति। सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो अनारम्मणोति? आमन्ता। अविज्‍जा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना अनारम्मणाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अविज्‍जा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना सारम्मणाति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो सारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो अनारम्मणो, अविज्‍जा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना सारम्मणाति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५५६. न वत्तब्बं – ‘‘अनुसया अनारम्मणा’’ति? आमन्ता। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने सानुसयोति वत्तब्बोति? आमन्ता। अत्थि तेसं अनुसयानं आरम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि अनुसया अनारम्मणाति। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने सरागोति वत्तब्बोति? आमन्ता। अत्थि तस्स रागस्स आरम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…। तेन हि रागो अनारम्मणोति।

अनुसया अनारम्मणातिकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(८८) ५. ञाणं अनारम्मणन्तिकथा

५५७. ञाणं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ञाणं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। पञ्‍ञा पञ्‍ञिन्द्रियं पञ्‍ञाबलं सम्मादिट्ठि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्‍ञा पञ्‍ञिन्द्रियं पञ्‍ञाबलं सम्मादिट्ठि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो सारम्मणोति? आमन्ता। ञाणं सारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

ञाणं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नन्ति? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नन्ति। सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो अनारम्मणोति ? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना अनारम्मणाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना सारम्मणाति? आमन्ता। ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं सारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं अनारम्मणं, पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना सारम्मणाति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो विञ्‍ञाणक्खन्धो एकदेसो सारम्मणो एकदेसो अनारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५५८. न वत्तब्बं – ‘‘ञाणं अनारम्मण’’न्ति? आमन्ता। अरहा चक्खुविञ्‍ञाणसमङ्गी ञाणीति वत्तब्बोति? आमन्ता। अत्थि तस्स ञाणस्स आरम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि ञाणं अनारम्मणन्ति। अरहा चक्खुविञ्‍ञाणसमङ्गी पञ्‍ञवाति वत्तब्बोति? आमन्ता। अत्थि ताय पञ्‍ञाय आरम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…। तेन हि पञ्‍ञा अनारम्मणाति।

ञाणं अनारम्मणन्तिकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(८९) ६. अतीतानागतारम्मणकथा

५५९. अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। ननु अतीतारम्मणन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अतीतारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति। अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति मिच्छा। हञ्‍चि वा पन अनारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतारम्मण’’न्ति। अनारम्मणं अतीतारम्मणन्ति मिच्छा।

अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। ननु अतीतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्‍चि अतीतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति।

५६०. अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। ननु अनागतारम्मणन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अनागतारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति। अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति मिच्छा। हञ्‍चि वा पन अनारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागतारम्मण’’न्ति। अनारम्मणं अनागतारम्मणन्ति मिच्छा।

अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। ननु अनागतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्‍चि अनागतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति।

पच्‍चुप्पन्‍नं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, पच्‍चुप्पन्‍नारम्मणं चित्तं सारम्मणन्ति? आमन्ता। अतीतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, अतीतारम्मणं चित्तं सारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पच्‍चुप्पन्‍नं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, पच्‍चुप्पन्‍नारम्मणं चित्तं सारम्मणन्ति? आमन्ता। अनागतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, अनागतारम्मणं चित्तं सारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अतीतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, अतीतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। पच्‍चुप्पन्‍नं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, पच्‍चुप्पन्‍नारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अनागतं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, अनागतारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? आमन्ता। पच्‍चुप्पन्‍नं आरब्भ अत्थि आवट्टना…पे॰… पणिधि, पच्‍चुप्पन्‍नारम्मणं चित्तं अनारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५६१. न वत्तब्बं – ‘‘अतीतानागतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति? आमन्ता। ननु अतीतानागतं नत्थीति? आमन्ता। हञ्‍चि अतीतानागतं नत्थि, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतानागतारम्मणं चित्तं अनारम्मण’’न्ति…पे॰…।

अतीतानागतारम्मणकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(९०) ७. वितक्‍कानुपतितकथा

५६२. सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतितन्ति? आमन्ता। सब्बं चित्तं विचारानुपतितं पीतानुपतितं सुखानुपतितं दुक्खानुपतितं सोमनस्सानुपतितं दोमनस्सानुपतितं उपेक्खानुपतितं सद्धानुपतितं वीरियानुपतितं सतानुपतितं समाधानुपतितं पञ्‍ञानुपतितं रागानुपतितं दोसानुपतितं…पे॰… अनोत्तप्पानुपतितन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतितन्ति? आमन्ता। ननु अत्थि अवितक्‍को विचारमत्तो समाधीति? आमन्ता। हञ्‍चि अत्थि अवितक्‍को विचारमत्तो समाधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतित’’न्ति ।

सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतितन्ति? आमन्ता। ननु अत्थि अवितक्‍को अविचारो समाधीति? आमन्ता। हञ्‍चि अत्थि अवितक्‍को अविचारो समाधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतित’’न्ति। सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतितन्ति? आमन्ता। ननु तयो समाधी वुत्ता भगवता – सवितक्‍को सविचारो समाधि, अवितक्‍को विचारमत्तो समाधि, अवितक्‍को अविचारो समाधीति [दी॰ नि॰ ३.३०५, ३५३]? आमन्ता। हञ्‍चि तयो समाधी वुत्ता भगवता – सवितक्‍को सविचारो समाधि, अवितक्‍को विचारमत्तो समाधि, अवितक्‍को अविचारो समाधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतित’’न्ति।

वितक्‍कानुपतितकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(९१) ८. वितक्‍कविप्फारसद्दकथा

५६३. सब्बसो वितक्‍कयतो विचारयतो वितक्‍कविप्फारो सद्दोति? आमन्ता। सब्बसो फुसयतो फस्सविप्फारो सद्दो, सब्बसो वेदयतो वेदनाविप्फारो सद्दो, सब्बसो सञ्‍जानतो सञ्‍ञाविप्फारो सद्दो, सब्बसो चेतयतो चेतनाविप्फारो सद्दो, सब्बसो चिन्तयतो चित्तविप्फारो सद्दो, सब्बसो सरतो सतिविप्फारो सद्दो, सब्बसो पजानतो पञ्‍ञाविप्फारो सद्दोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

सब्बसो वितक्‍कयतो विचारयतो वितक्‍कविप्फारो सद्दोति? आमन्ता। वितक्‍कविप्फारो सद्दो सोतविञ्‍ञेय्यो सोतस्मिं पटिहञ्‍ञति सोतस्स आपाथं आगच्छतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…। ननु वितक्‍कविप्फारो सद्दो न सोतविञ्‍ञेय्यो न सोतस्मिं पटिहञ्‍ञति न सोतस्स आपाथं आगच्छतीति? आमन्ता। हञ्‍चि वितक्‍कविप्फारो सद्दो न सोतविञ्‍ञेय्यो न सोतस्मिं पटिहञ्‍ञति न सोतस्स आपाथं आगच्छति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सब्बसो वितक्‍कयतो विचारयतो वितक्‍कविप्फारो सद्दो’’ति।

वितक्‍कविप्फारसद्दकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(९२) ९. न यथाचित्तस्स वाचातिकथा

५६४. न यथाचित्तस्स वाचाति? आमन्ता। अफस्सकस्स वाचा अवेदनकस्स वाचा असञ्‍ञकस्स वाचा अचेतनकस्स वाचा अचित्तकस्स वाचाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु सफस्सकस्स वाचा सवेदनकस्स वाचा ससञ्‍ञकस्स वाचा सचेतनकस्स वाचा सचित्तकस्स वाचाति? आमन्ता। हञ्‍चि सफस्सकस्स वाचा…पे॰… सचित्तकस्स वाचा, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति।

न यथाचित्तस्स वाचाति? आमन्ता। अनावट्टेन्तस्स [अनावट्टन्तस्स (पी॰), अनावज्‍जन्तस्स (सी॰ स्या॰ क॰) कथा॰ ४८४ पस्सितब्बं] वाचा…पे॰… अनाभोगस्स वाचा…पे॰… अप्पणिदहन्तस्स वाचाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु आवट्टेन्तस्स वाचा आभोगस्स वाचा…पे॰… पणिदहन्तस्स वाचाति? आमन्ता। हञ्‍चि आवट्टेन्तस्स वाचा आभोगस्स वाचा पणिदहन्तस्स वाचा, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति।

न यथाचित्तस्स वाचाति? आमन्ता। ननु वाचा चित्तसमुट्ठाना चित्तेन सहजाता चित्तेन सह एकुप्पादाति? आमन्ता। हञ्‍चि वाचा चित्तसमुट्ठाना चित्तेन सहजाता चित्तेन सह एकुप्पादा, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति।

न यथाचित्तस्स वाचाति? आमन्ता। न भणितुकामो भणति, न कथेतुकामो कथेति, न आलपितुकामो आलपति, न वोहरितुकामो वोहरतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु भणितुकामो भणति, कथेतुकामो कथेति, आलपितुकामो आलपति, वोहरितुकामो वोहरतीति? आमन्ता। हञ्‍चि भणितुकामो भणति, कथेतुकामो कथेति, आलपितुकामो आलपति, वोहरितुकामो वोहरति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति।

५६५. न वत्तब्बं – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति? आमन्ता। ननु अत्थि कोचि ‘‘अञ्‍ञं भणिस्सामी’’ति अञ्‍ञं भणति, ‘‘अञ्‍ञं कथेस्सामी’’ति अञ्‍ञं कथेति, ‘‘अञ्‍ञं आलपिस्सामी’’ति अञ्‍ञं आलपति, ‘‘अञ्‍ञं वोहरिस्सामी’’ति अञ्‍ञं वोहरतीति? आमन्ता। हञ्‍चि अत्थि कोचि ‘‘अञ्‍ञं भणिस्सामी’’ति अञ्‍ञं भणति,…पे॰… ‘‘अञ्‍ञं वोहरिस्सामी’’ति अञ्‍ञं वोहरति, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स वाचा’’ति।

न यथाचित्तस्स वाचातिकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(९३) १०. न यथाचित्तस्स कायकम्मन्तिकथा

५६६. न यथाचित्तस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। अफस्सकस्स कायकम्मं…पे॰… अचित्तकस्स कायकम्मन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु सफस्सकस्स कायकम्मं…पे॰… सचित्तकस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि सफस्सकस्स कायकम्मं…पे॰… सचित्तकस्स कायकम्मं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति।

न यथाचित्तस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। अनावट्टेन्तस्स कायकम्मं…पे॰… अप्पणिदहन्तस्स कायकम्मन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु आवट्टेन्तस्स कायकम्मं…पे॰… पणिदहन्तस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि आवट्टेन्तस्स कायकम्मं…पे॰… पणिदहन्तस्स कायकम्मं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति।

न यथाचित्तस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। ननु कायकम्मं चित्तसमुट्ठानं चित्तेन सहजातं चित्तेन सह एकुप्पादन्ति? आमन्ता । हञ्‍चि कायकम्मं चित्तसमुट्ठानं चित्तेन सहजातं चित्तेन सह एकुप्पादं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति।

न यथाचित्तस्स कायकम्मन्ति? आमन्ता। न अभिक्‍कमितुकामो अभिक्‍कमति, न पटिक्‍कमितुकामो पटिक्‍कमति, न आलोकेतुकामो आलोकेति, न विलोकेतुकामो विलोकेति, न समिञ्‍जितुकामो समिञ्‍जेति, न पसारेतुकामो पसारेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…। ननु अभिक्‍कमितुकामो अभिक्‍कमति, पटिक्‍कमितुकामो पटिक्‍कमति, आलोकेतुकामो आलोकेति, विलोकेतुकामो विलोकेति, समिञ्‍जितुकामो समिञ्‍जेति, पसारेतुकामो पसारेतीति? आमन्ता। हञ्‍चि अभिक्‍कमितुकामो अभिक्‍कमति…पे॰… पसारेतुकामो पसारेति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति।

५६७. न वत्तब्बं – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति? आमन्ता। ननु अत्थि कोचि ‘‘अञ्‍ञत्र गच्छिस्सामी’’ति अञ्‍ञत्र गच्छति…पे॰… ‘‘अञ्‍ञं पसारेस्सामी’’ति अञ्‍ञं पसारेतीति? आमन्ता। हञ्‍चि अत्थि कोचि ‘‘अञ्‍ञत्र गच्छिस्सामी’’ति अञ्‍ञत्र गच्छति…पे॰… ‘‘अञ्‍ञं पसारेस्सामी’’ति अञ्‍ञं पसारेति, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘न यथाचित्तस्स कायकम्म’’न्ति।

न यथाचित्तस्स कायकम्मन्तिकथा निट्ठिता।

९. नवमवग्गो

(९४) ११. अतीतानागतसमन्‍नागतकथा

५६८. अतीतेन समन्‍नागतोति? आमन्ता। ननु अतीतं निरुद्धं विगतं विपरिणतं अत्थङ्गतं अब्भत्थङ्गतन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अतीतं निरुद्धं विगतं विपरिणतं अत्थङ्गतं अब्भत्थङ्गतं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतेन समन्‍नागतो’’ति।

अनागतेन समन्‍नागतोति? आमन्ता। ननु अनागतं अजातं अभूतं असञ्‍जातं अनिब्बत्तं अनभिनिब्बत्तं अपातुभूतन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अनागतं अजातं अभूतं असञ्‍जातं अनिब्बत्तं अनभिनिब्बत्तं अपातुभूतं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागतेन समन्‍नागतो’’ति।

५६९. अतीतेन रूपक्खन्धेन समन्‍नागतो, अनागतेन रूपक्खन्धेन समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेन रूपक्खन्धेन समन्‍नागतोति? आमन्ता। तीहि रूपक्खन्धेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतेहि पञ्‍चहि खन्धेहि समन्‍नागतो, अनागतेहि पञ्‍चहि खन्धेहि समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेहि पञ्‍चहि खन्धेहि समन्‍नागतोति? आमन्ता। पन्‍नरसहि खन्धेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अतीतेन चक्खायतनेन समन्‍नागतो, अनागतेन चक्खायतनेन समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेन चक्खायतनेन समन्‍नागतोति? आमन्ता। तीहि चक्खायतनेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतेहि द्वादसहि आयतनेहि समन्‍नागतो, अनागतेहि द्वादसहि आयतनेहि समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेहि द्वादसहि आयतनेहि समन्‍नागतोति? आमन्ता। छत्तिंसायतनेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अतीताय चक्खुधातुया समन्‍नागतो, अनागताय चक्खुधातुया समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नाय चक्खुधातुया समन्‍नागतोति? आमन्ता । तीहि चक्खुधातूहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीताहि अट्ठारसहि धातूहि समन्‍नागतो, अनागताहि अट्ठारसहि धातूहि समन्‍नागतो , पच्‍चुप्पन्‍नाहि अट्ठारसहि धातूहि समन्‍नागतोति? आमन्ता। चतुपञ्‍ञासधातूहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अतीतेन चक्खुन्द्रियेन समन्‍नागतो, अनागतेन चक्खुन्द्रियेन समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेन चक्खुन्द्रियेन समन्‍नागतोति? आमन्ता। तीहि चक्खुन्द्रियेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतेहि बावीसतिन्द्रियेहि समन्‍नागतो, अनागतेहि बावीसतिन्द्रियेहि समन्‍नागतो, पच्‍चुप्पन्‍नेहि बावीसतिन्द्रियेहि समन्‍नागतोति? आमन्ता। छसट्ठिन्द्रियेहि समन्‍नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

५७०. न वत्तब्बं – ‘‘अतीतानागतेहि समन्‍नागतो’’ति? आमन्ता। ननु अत्थि अट्ठविमोक्खझायी चतुन्‍नं झानानं निकामलाभी नवन्‍नं अनुपुब्बविहारसमापत्तीनं लाभीति? आमन्ता। हञ्‍चि अत्थि अट्ठविमोक्खझायी चतुन्‍नं झानानं निकामलाभी नवन्‍नं अनुपुब्बविहारसमापत्तीनं लाभी, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीतानागतेहि समन्‍नागतो’’ति।

अतीतानागतसमन्‍नागतकथा निट्ठिता।

नवमवग्गो।

तस्सुद्दानं –

आनिसंसदस्साविस्स संयोजनानं पहानं, अमतारम्मणं संयोजनं, रूपं सारम्मणं, अनुसया अनारम्मणा, एवमेवं ञाणं, अतीतानागतारम्मणं चित्तं, सब्बं चित्तं वितक्‍कानुपतितं, सब्बसो वितक्‍कयतो विचारयतो वितक्‍कविप्फारो सद्दो, न यथाचित्तस्स वाचा, तथेव कायकम्मं अतीतानागतेहि समन्‍नागतोति।

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