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Tipitaka >> Abhidhamma Pitaka >> Kathavatthu >> Pali-Devanagri version-Chapter 11


Kathavatthu Chapter 11[]



११. एकादसमवग्गो

(१०६-१०८) १-३. तिस्सोपि अनुसयकथा

६०५. अनुसया अब्याकताति? आमन्ता। विपाकाब्याकता किरियाब्याकता रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। कामरागो कामरागपरियुट्ठानं कामरागसंयोजनं कामोघो कामयोगो कामच्छन्दनीवरणं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो कामरागपरियुट्ठानं…पे॰… कामच्छन्दनीवरणं अकुसलन्ति? आमन्ता। कामरागानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

पटिघानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। पटिघं पटिघपरियुट्ठानं पटिघसंयोजनं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पटिघं पटिघपरियुट्ठानं पटिघसंयोजनं अकुसलन्ति? आमन्ता। पटिघानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

मानानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। मानो मानपरियुट्ठानं मानसंयोजनं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… मानो मानपरियुट्ठानं मानसंयोजनं अकुसलन्ति? आमन्ता। मानानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰…।

दिट्ठानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। दिट्ठि दिट्ठोघो दिट्ठियोगो दिट्ठिपरियुट्ठानं दिट्ठिसंयोजनं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… दिट्ठि दिट्ठोघो दिट्ठियोगो दिट्ठिपरियुट्ठानं दिट्ठिसंयोजनं अकुसलन्ति? आमन्ता। दिट्ठानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

विचिकिच्छानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। विचिकिच्छा विचिकिच्छापरियुट्ठानं विचिकिच्छासंयोजनं विचिकिच्छानीवरणं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… विचिकिच्छा विचिकिच्छापरियुट्ठानं विचिकिच्छासंयोजनं विचिकिच्छानीवरणं अकुसलन्ति? आमन्ता। विचिकिच्छानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

भवरागानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। भवरागो भवरागपरियुट्ठानं भवरागसंयोजनं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… भवरागो भवरागपरियुट्ठानं भवरागसंयोजनं अकुसलन्ति? आमन्ता। भवरागानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो अब्याकतोति? आमन्ता। अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जापरियुट्ठानं अविज्‍जासंयोजनं अविज्‍जानीवरणं अब्याकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जापरियुट्ठानं अविज्‍जासंयोजनं अविज्‍जानीवरणं अकुसलन्ति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो अकुसलोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६०६. न वत्तब्बं – ‘‘अनुसया अब्याकता’’ति? आमन्ता। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सानुसयो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। कुसलाकुसला धम्मा सम्मुखीभावं आगच्छन्तीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि अनुसया अब्याकताति। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सरागो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। कुसलाकुसला धम्मा सम्मुखीभावं आगच्छन्तीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि रागो अब्याकतोति।

६०७. अनुसया अहेतुकाति? आमन्ता। रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो अहेतुकोति? आमन्ता। कामरागो कामरागपरियुट्ठानं कामरागसंयोजनं कामच्छन्दनीवरणं अहेतुकन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो कामरागपरियुट्ठानं…पे॰… कामच्छन्दनीवरणं सहेतुकन्ति? आमन्ता। कामरागानुसयो सहेतुकोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पटिघानुसयो…पे॰… मानानुसयो… दिट्ठानुसयो… विचिकिच्छानुसयो… भवरागानुसयो… अविज्‍जानुसयो अहेतुकोति? आमन्ता। अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जापरियुट्ठानं अविज्‍जासंयोजनं अविज्‍जानीवरणं अहेतुकन्ति ? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… अविज्‍जा अविज्‍जोघो…पे॰… अविज्‍जानीवरणं सहेतुकन्ति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो सहेतुकोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६०८. न वत्तब्बं – ‘‘अनुसया अहेतुका’’ति? आमन्ता। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सानुसयो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। अनुसया तेन हेतुना सहेतुकाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि अनुसया अहेतुकाति। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सरागो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। रागो तेन हेतुना सहेतुकोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि रागो अहेतुकोति।

६०९. अनुसया चित्तविप्पयुत्ताति? आमन्ता। रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। कामरागो कामरागपरियुट्ठानं कामरागसंयोजनं कामोघो कामयोगो कामच्छन्दनीवरणं चित्तविप्पयुत्तन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो कामरागपरियुट्ठानं…पे॰… कामच्छन्दनीवरणं चित्तसम्पयुत्तन्ति? आमन्ता। कामरागानुसयो चित्तसम्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१०. कामरागानुसयो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नोति? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नोति। सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे। सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तसम्पयुत्तोति? आमन्ता। कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तसम्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

कामरागानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तविप्पयुत्तो, कामरागो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तसम्पयुत्तोति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६११. पटिघानुसयो मानानुसयो दिट्ठानुसयो विचिकिच्छानुसयो भवरागानुसयो अविज्‍जानुसयो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जानीवरणं चित्तविप्पयुत्तन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अविज्‍जा अविज्‍जोघो अविज्‍जायोगो अविज्‍जानीवरणं चित्तसम्पयुत्तन्ति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो चित्तसम्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१२. अविज्‍जानुसयो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नोति? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नोति। सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे । सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। अविज्‍जा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तविप्पयुत्ताति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अविज्‍जा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तसम्पयुत्ताति? आमन्ता। अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तसम्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अविज्‍जानुसयो सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नो चित्तविप्पयुत्तो, अविज्‍जासङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तसम्पयुत्ताति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे।

सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१३. न वत्तब्बं – ‘‘अनुसया चित्तविप्पयुत्ता’’ति? आमन्ता। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सानुसयो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। अनुसया तेन चित्तेन सम्पयुत्ताति? न हेवं वत्तब्बे। तेन हि अनुसया चित्तविप्पयुत्ताति। पुथुज्‍जनो कुसलाब्याकते चित्ते वत्तमाने ‘‘सरागो’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। रागो तेन चित्तेन सम्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे। तेन हि रागो चित्तविप्पयुत्तोति।

तिस्सोपि अनुसयकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(१०९) ४. ञाणकथा

६१४. अञ्‍ञाणे विगते ञाणविप्पयुत्ते चित्ते वत्तमाने न वत्तब्बं – ‘‘ञाणी’’ति? आमन्ता। रागे विगते न वत्तब्बं – ‘‘वीतरागो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अञ्‍ञाणे विगते ञाणविप्पयुत्ते चित्ते वत्तमाने न वत्तब्बं – ‘‘ञाणी’’ति? आमन्ता। दोसे विगते… मोहे विगते… किलेसे विगते न वत्तब्बं – ‘‘निक्‍किलेसो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रागे विगते वत्तब्बं – ‘‘वीतरागो’’ति? आमन्ता। अञ्‍ञाणे विगते ञाणविप्पयुत्ते चित्ते वत्तमाने वत्तब्बं – ‘‘ञाणी’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… दोसे विगते… मोहे विगते… किलेसे विगते वत्तब्बं – ‘‘निक्‍किलेसो’’ति? आमन्ता। अञ्‍ञाणे विगते ञाणविप्पयुत्ते चित्ते वत्तमाने वत्तब्बं – ‘‘ञाणी’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१५. अञ्‍ञाणे विगते ञाणविप्पयुत्ते चित्ते वत्तमाने वत्तब्बं – ‘‘ञाणी’’ति? आमन्ता । अतीतेन ञाणेन ञाणी निरुद्धेन विगतेन पटिपस्सद्धेन ञाणेन ञाणीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

ञाणकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(११०) ५. ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्तिकथा

६१६. ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्ति? आमन्ता। रूपं निब्बानं चक्खायतनं…पे॰… फोट्ठब्बायतनन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्ति? आमन्ता। पञ्‍ञा पञ्‍ञिन्द्रियं पञ्‍ञाबलं सम्मादिट्ठि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्‍ञा पञ्‍ञिन्द्रियं पञ्‍ञाबलं सम्मादिट्ठि धम्मविचयसम्बोज्झङ्गो चित्तसम्पयुत्तोति? आमन्ता। ञाणं चित्तसम्पयुत्तन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्ति? आमन्ता। कतमक्खन्धपरियापन्‍नन्ति ? सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नन्ति। सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं चित्तविप्पयुत्तन्ति? आमन्ता। पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तविप्पयुत्ताति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तसम्पयुत्ताति? आमन्ता। ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं चित्तसम्पयुत्तन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ञाणं सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍नं चित्तविप्पयुत्तं, पञ्‍ञा सङ्खारक्खन्धपरियापन्‍ना चित्तसम्पयुत्ताति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? आमन्ता। वेदनाक्खन्धो सञ्‍ञाक्खन्धो एकदेसो चित्तसम्पयुत्तो एकदेसो चित्तविप्पयुत्तोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१७. न वत्तब्बं – ‘‘ञाणं चित्तविप्पयुत्त’’न्ति? आमन्ता। अरहा चक्खुविञ्‍ञाणसमङ्गी ‘‘ञाणी’’ति वत्तब्बोति? आमन्ता। ञाणं तेन चित्तेन सम्पयुत्तन्ति? न हेवं वत्तब्बे। तेन हि ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्ति।

अरहा चक्खुविञ्‍ञाणसमङ्गी ‘‘पञ्‍ञवा’’ति वत्तब्बोति [सकवादीपुच्छा विय दिस्सति]? आमन्ता। पञ्‍ञा तेन चित्तेन सम्पयुत्ताति? न हेवं वत्तब्बे। तेन हि पञ्‍ञा चित्तविप्पयुत्ताति।

ञाणं चित्तविप्पयुत्तन्तिकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(१११) ६. इदं दुक्खन्तिकथा

६१८. ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘अयं दुक्खसमुदयो’’ति वाचं भासतो ‘‘अयं दुक्खसमुदयो’’ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘अयं दुक्खनिरोधो’’ति वाचं भासतो ‘‘अयं दुक्खनिरोधो’’ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘अयं मग्गो’’ति वाचं भासतो ‘‘अयं मग्गो’’ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

‘‘अयं समुदयो’’ति वाचं भासतो न च ‘‘अयं समुदयो’’ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ‘‘अयं निरोधो’’ति… ‘‘अयं मग्गो’’ति वाचं भासतो न च ‘‘अयं मग्गो’’ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६१९. ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘रूपं अनिच्‍च’’न्ति वाचं भासतो ‘‘रूपं अनिच्‍च’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। वेदना… सञ्‍ञा… सङ्खारा… ‘‘विञ्‍ञाणं अनिच्‍च’’न्ति वाचं भासतो ‘‘विञ्‍ञाणं अनिच्‍च’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘रूपं अनत्ता’’ति वाचं भासतो ‘‘रूपं अनत्ता’’ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। वेदना … सञ्‍ञा… सङ्खारा… ‘‘विञ्‍ञाणं अनत्ता’’ति वाचं भासतो ‘‘विञ्‍ञाणं अनत्ता’’ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

‘‘रूपं अनिच्‍च’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘रूपं अनिच्‍च’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… वेदना… सञ्‍ञा… सङ्खारा… ‘‘विञ्‍ञाणं अनिच्‍च’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘विञ्‍ञाणं अनिच्‍च’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

‘‘रूपं अनत्ता’’ति वाचं भासतो न च ‘‘रूपं अनत्ता’’ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… वेदना… सञ्‍ञा… सङ्खारा… ‘‘विञ्‍ञाणं अनत्ता’’ति वाचं भासतो न च ‘‘विञ्‍ञाणं अनत्ता’’ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो न च ‘‘दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६२०. ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति वाचं भासतो ‘‘इदं दुक्ख’’न्ति ञाणं पवत्ततीति? आमन्ता। ‘‘इ’’ति [ईति (स्या॰ पी॰)] च ‘‘द’’न्ति च ‘‘दु’’ति [दूति (स्या॰ पी॰)] च ‘‘ख’’न्ति च ञाणं पवत्ततीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

इदं दुक्खन्तिकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(११२) ७. इद्धिबलकथा

६२१. इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। इद्धिमयिको सो आयु, इद्धिमयिका सा गति, इद्धिमयिको सो अत्तभावप्पटिलाभोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। अतीतं कप्पं तिट्ठेय्य, अनागतं कप्पं तिट्ठेय्याति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। द्वे कप्पे तिट्ठेय्य, तयो कप्पे तिट्ठेय्य, चत्तारो कप्पे तिट्ठेय्याति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। सति जीविते जीवितावसेसे तिट्ठेय्य, असति जीविते जीवितावसेसे तिट्ठेय्याति? सति जीविते जीवितावसेसे तिट्ठेय्याति। हञ्‍चि सति जीविते जीवितावसेसे तिट्ठेय्य, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्या’’ति। असति जीविते जीवितावसेसे तिट्ठेय्याति, मतो तिट्ठेय्य, कालङ्कतो तिट्ठेय्याति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६२२. इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। उप्पन्‍नो फस्सो मा निरुज्झीति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… उप्पन्‍ना वेदना…पे॰… उप्पन्‍ना सञ्‍ञा …पे॰… उप्पन्‍ना चेतना…पे॰… उप्पन्‍नं चित्तं… उप्पन्‍ना सद्धा… उप्पन्‍नं वीरियं… उप्पन्‍ना सति… उप्पन्‍नो समाधि …पे॰… उप्पन्‍ना पञ्‍ञा मा निरुज्झीति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। रूपं निच्‍चं होतूति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… वेदना…पे॰… सञ्‍ञा… सङ्खारा… विञ्‍ञाणं निच्‍चं होतूति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। जातिधम्मा सत्ता मा जायिंसूति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… जराधम्मा सत्ता मा जीरिंसूति…पे॰… ब्याधिधम्मा सत्ता मा ब्याधियिंसूति…पे॰… मरणधम्मा सत्ता मा मीयिंसूति लब्भा इद्धिया पग्गहेतुन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६२३. न वत्तब्बं – ‘‘इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्या’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘यस्स कस्सचि, आनन्द, चत्तारो इद्धिपादा भाविता बहुलीकता यानीकता वत्थुकता अनुट्ठिता परिचिता सुसमारद्धा, सो आकङ्खमानो कप्पं वा तिट्ठेय्य कप्पावसेसं वा’’ति [दी॰ नि॰ २.१६६; सं॰ नि॰ ५.८२२; उदा॰ ५१]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति।

६२४. इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्याति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘चतुन्‍नं, भिक्खवे, धम्मानं नत्थि कोचि पाटिभोगो समणो वा ब्राह्मणो वा देवो वा मारो वा ब्रह्मा वा कोचि वा लोकस्मिं! कतमेसं चतुन्‍नं? जराधम्मो ‘‘मा जीरी’’ति नत्थि कोचि पाटिभोगो समणो वा ब्राह्मणो वा देवो वा मारो वा ब्रह्मा वा कोचि वा लोकस्मिं। ब्याधिधम्मो ‘‘मा ब्याधियी’’ति…पे॰… मरणधम्मो ‘‘मा मीयी’’ति…पे॰… यानि खो पन तानि पुब्बे कतानि पापकानि कम्मानि संकिलेसिकानि पोनोब्भविकानि [पोनोभविकानि (सी॰ पी॰)] सदरानि [निस्सारानि (सी॰ पी॰ क॰), दुक्खुद्रयानि (स्या॰)] दुक्खविपाकानि आयतिं जातिजरामरणियानि तेसं विपाको ‘‘मा निब्बत्ती’’ति नत्थि कोचि पाटिभोगो समणो वा ब्राह्मणो वा देवो वा मारो वा ब्रह्मा वा कोचि वा लोकस्मिं। इमेसं खो, भिक्खवे, चतुन्‍नं धम्मानं नत्थि कोचि पाटिभोगो समणो वा ब्राह्मणो वा देवो वा मारो वा ब्रह्मा वा कोचि वा लोकस्मि’’न्ति [अ॰ नि॰ ४.१८२]। अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्या’’ति।

इद्धिबलकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(११३) ८. समाधिकथा

६२५. चित्तसन्तति समाधीति? आमन्ता। अतीता चित्तसन्तति समाधीति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… चित्तसन्तति समाधीति? आमन्ता। अनागता चित्तसन्तति समाधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… चित्तसन्तति समाधीति? आमन्ता। ननु अतीतं निरुद्धं अनागतं अजातन्ति? आमन्ता। हञ्‍चि अतीतं निरुद्धं अनागतं अजातं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘चित्तसन्तति समाधी’’ति।

६२६. एकचित्तक्खणिको समाधीति? आमन्ता। चक्खुविञ्‍ञाणसमङ्गी समापन्‍नोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सोतविञ्‍ञाणसमङ्गी…पे॰… घानविञ्‍ञाणसमङ्गी… जिव्हाविञ्‍ञाणसमङ्गी… कायविञ्‍ञाणसमङ्गी…पे॰… अकुसलचित्तसमङ्गी …पे॰… रागसहगतचित्तसमङ्गी…पे॰… दोससहगतचित्तसमङ्गी…पे॰… मोहसहगतचित्तसमङ्गी…पे॰… अनोत्तप्पसहगतचित्तसमङ्गी समापन्‍नोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

चित्तसन्तति समाधीति? आमन्ता। अकुसलचित्तसन्तति समाधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रागसहगता…पे॰… दोससहगता…पे॰… मोहसहगता…पे॰… अनोत्तप्पसहगता चित्तसन्तति समाधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

न वत्तब्बं – ‘‘चित्तसन्तति समाधी’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘अहं खो, आवुसो निगण्ठा, पहोमि अनिञ्‍जमानो कायेन, अभासमानो वाचं, सत्त रत्तिन्दिवानि [रत्तिदिवानि (क॰)] एकन्तसुखं पटिसंवेदी विहरितु’’न्ति [म॰ नि॰ १.१८०]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि चित्तसन्तति समाधीति।

समाधिकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(११४) ९. धम्मट्ठितताकथा

६२७. धम्मट्ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय तायेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया , नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपस्स ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय तायेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया, नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

वेदनाय ठितता…पे॰… सञ्‍ञाय ठितता…पे॰… सङ्खारानं ठितता…पे॰… विञ्‍ञाणस्स ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ताय ठितता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय तायेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया, नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

धम्मट्ठितताकथा निट्ठिता।

११. एकादसमवग्गो

(११५) १०. अनिच्‍चताकथा

६२८. अनिच्‍चता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय अनिच्‍चताय अनिच्‍चता परिनिप्फन्‍नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ताय अनिच्‍चताय अनिच्‍चता परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय तायेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया, नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे।

जरा परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय जराय जरा परिनिप्फन्‍नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ताय जराय जरा परिनिप्फन्‍नाति? आमन्ता। ताय तायेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया , नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

मरणं परिनिप्फन्‍नन्ति? आमन्ता। तस्स मरणस्स मरणं परिनिप्फन्‍नन्ति? न हेवं वत्तब्बे। तस्स मरणस्स मरणं परिनिप्फन्‍नन्ति? आमन्ता। तस्स तस्सेव नत्थि दुक्खस्सन्तकिरिया, नत्थि वट्टुपच्छेदो, नत्थि अनुपादापरिनिब्बानन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

६२९. रूपं परिनिप्फन्‍नं, रूपस्स अनिच्‍चता अत्थीति? आमन्ता। अनिच्‍चता परिनिप्फन्‍ना, अनिच्‍चताय अनिच्‍चता अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रूपं परिनिप्फन्‍नं, रूपस्स जरा अत्थीति? आमन्ता। जरा परिनिप्फन्‍ना, जराय जरा अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

रूपं परिनिप्फन्‍नं, रूपस्स भेदो अत्थि, अन्तरधानं अत्थीति? आमन्ता। मरणं परिनिप्फन्‍नं, मरणस्स भेदो अत्थि, अन्तरधानं अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

वेदना …पे॰… सञ्‍ञा… सङ्खारा…पे॰… विञ्‍ञाणं परिनिप्फन्‍नं, विञ्‍ञाणस्स अनिच्‍चता अत्थीति? आमन्ता। अनिच्‍चता परिनिप्फन्‍ना, अनिच्‍चताय अनिच्‍चता अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… विञ्‍ञाणं परिनिप्फन्‍नं, विञ्‍ञाणस्स जरा अत्थीति? आमन्ता। जरा परिनिप्फन्‍ना, जराय जरा अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

विञ्‍ञाणं परिनिप्फन्‍नं, विञ्‍ञाणस्स भेदो अत्थि, अन्तरधानं अत्थीति? आमन्ता। मरणं परिनिप्फन्‍नं, मरणस्स भेदो अत्थि, अन्तरधानं अत्थीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।

अनिच्‍चताकथा निट्ठिता।

एकादसमवग्गो।

तस्सुद्दानं –

अनुसया अब्याकता, अहेतुका, चित्तविप्पयुत्ता, अञ्‍ञाणे विगते ञाणी, ञाणं चित्तविप्पयुत्तं, यत्थ सद्दे [यत्थ सद्दो (सी॰), यथासद्दं (?)] ञाणं पवत्तति, इद्धिबलेन समन्‍नागतो कप्पं तिट्ठेय्य, चित्तसन्तति समाधि, धम्मट्ठितता, अनिच्‍चताति।

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